White कभी करीब आ, धड़कनों में झांक तो सही,
इस खामोशी के पीछे की बातें पहचान तो सही।
तेरे दावे और वादे हैं बहुत, अब निभा तो सही,
क़िस्मत को अपने हाथों में ला, अपना बनाकर देख तो सही।
©नवनीत ठाकुर
कभी करीब आ, धड़कनों में झांक तो सही,
इस खामोशी के पीछे की बातें पहचान तो सही।
तेरे दावे और वादे हैं बहुत, अब निभा तो सही,
क़िस्मत को अपने हाथों में ला, अपना बनाकर देख तो सही।