White खून के रिश्तों में
चर्चा बड़ा आम है
खून के आँसू न बहें तो
हर साज़िश नाकाम है।
बदले की आग में
कैसे भूल जातें हैं वो
शूली पर लटकता हर शक्श
किसी न किसी का तो चाँद है।
©अलका मिश्रा
©alka mishra
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