जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी ,
एक नव हमसफर ने दस्तक दी ,
पर दिल ने उससे बात करने की इजाजत ना दी ,
बीते पलों की याद दिला दी ,
नए हमसफ़र की मुस्कुराहट याद दिला दी ,
उस मुस्कुराहट की वजह उसके दोस्त है यह बात बता दी ,
बीते पलों की कहानी याद दिला दी ,
अनजाने में हुई हर गलती याद दिला दी ,
दिल ने बात करने की इजाजत ना दी ,
आंखों को निहारने की इजाजत तो दी ,
पर होठों को बातें करने की इजाजत न दी ,
जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी ,
एक नए हमसफ़र ने दस्तक दी ,
दिल ने बात करने की इजाजत न दी ।।
©ऋषभ वर्मा (R.V.)
#Rose
इज़ज़ाज़त ना दी