जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी , एक नव हमसफर ने दस् | हिंदी कविता

"जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी , एक नव हमसफर ने दस्तक दी , पर दिल ने उससे बात करने की इजाजत ना दी , बीते पलों की याद दिला दी , नए हमसफ़र की मुस्कुराहट याद दिला दी , उस मुस्कुराहट की वजह उसके दोस्त है यह बात बता दी , बीते पलों की कहानी याद दिला दी , अनजाने में हुई हर गलती याद दिला दी , दिल ने बात करने की इजाजत ना दी , आंखों को निहारने की इजाजत तो दी , पर होठों को बातें करने की इजाजत न दी , जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी , एक नए हमसफ़र ने दस्तक दी , दिल ने बात करने की इजाजत न दी ।। ©ऋषभ वर्मा (R.V.)"

 जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी ,
एक नव हमसफर ने दस्तक दी ,
पर दिल ने उससे बात करने की इजाजत ना दी ,
बीते पलों की याद दिला दी ,
नए हमसफ़र की मुस्कुराहट याद दिला दी ,
उस मुस्कुराहट की वजह उसके दोस्त है यह बात बता दी ,
बीते पलों की कहानी याद दिला दी ,
अनजाने में हुई हर गलती याद दिला दी , 
दिल ने बात करने की इजाजत ना दी , 
आंखों को निहारने की इजाजत तो दी ,
पर होठों को बातें करने की इजाजत न दी , 
जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी ,
एक नए हमसफ़र ने दस्तक दी ,
दिल ने बात करने की इजाजत न दी ।।

©ऋषभ वर्मा (R.V.)

जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी , एक नव हमसफर ने दस्तक दी , पर दिल ने उससे बात करने की इजाजत ना दी , बीते पलों की याद दिला दी , नए हमसफ़र की मुस्कुराहट याद दिला दी , उस मुस्कुराहट की वजह उसके दोस्त है यह बात बता दी , बीते पलों की कहानी याद दिला दी , अनजाने में हुई हर गलती याद दिला दी , दिल ने बात करने की इजाजत ना दी , आंखों को निहारने की इजाजत तो दी , पर होठों को बातें करने की इजाजत न दी , जब मोहब्बत ने दोबारा दस्तक दी , एक नए हमसफ़र ने दस्तक दी , दिल ने बात करने की इजाजत न दी ।। ©ऋषभ वर्मा (R.V.)

#Rose
इज़ज़ाज़त ना दी

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