जागो हे वीर सो के ना पल को गँवाइये
हो गर्व माँ को काम वो करके दिखाइये
तुम ही शिवा ,प्रताप तुम्ही हो भगत ,गुरू
झण्डा माँ भारती का शिखर पर चढ़ाइये
अब बून्द खून की हमें धिक्कारने लगी
कीमत कभी तो दूध की कोई चुकाइये
चर्चे तुम्हारे शौर्य के सारे जहान में
थककर के यूं न बैठिये पग तो बढा़इये
बँटकर के जात -पात मे होगा न कुछ भला
अब है जरूरी प्यार से बगियाँ सजाइये
कुरबानियाँ ये "दर्द" जो हँसकर के दे गये
यादों मे उनकी कोई तो शम्मां जलाइये
मनोज दर्द मुगाँवली म प्र
स्वारचित
#RepublicDay