White इक अबोली आत्मा को स्वर मिला है, शांत ठहरी झी | हिंदी मोटिवेशनल V

"White इक अबोली आत्मा को स्वर मिला है, शांत ठहरी झील को पत्थर मिला है ! तृप्त होकर झिलमिलाती झील इक आवाज़ सुनकर दायरों में ख़ुश पड़ी है झींगुरों के साज़ सुनकर खिलखिला कर मन्नतों के बाँधती है रोज़ धागे और जो आराध्य की आराधना में नित्य जागे आज उसकी मन्नतें सब व्यर्थ निकली- कब किसी भी झील को सागर मिला है ? जो पवन के एक हल्की सी छुवन से हो, सिहरती चाँद की जो रौशनी में ख़ूब सजती और सँवरती गल चुके कमलों को जो फिर खाद करना जानती हो धूप के संग प्रेम में पड़ रोज़ मरना जानती हो नीलकमलों से ढकी इस ज़िन्दगी के हर सुमन पर ओस का ज़ेवर मिला है! ज्ञात है उसको कि कुछ का प्रेम ही परिचय रहा है और कुछ का इस जहाँ में प्रेम भी अभिनय रहा है पर कभी अभिनय से परिचय का नहीं है नाम मिटता पाप छू जाए चरण तो भी कहाँ है धाम मिटता इसलिए तो लग रहा है ज़िन्दगी को ज्ञान और निर्वाण का मगहर मिला है! ©AwadheshPSRathore_7773 "

White इक अबोली आत्मा को स्वर मिला है, शांत ठहरी झील को पत्थर मिला है ! तृप्त होकर झिलमिलाती झील इक आवाज़ सुनकर दायरों में ख़ुश पड़ी है झींगुरों के साज़ सुनकर खिलखिला कर मन्नतों के बाँधती है रोज़ धागे और जो आराध्य की आराधना में नित्य जागे आज उसकी मन्नतें सब व्यर्थ निकली- कब किसी भी झील को सागर मिला है ? जो पवन के एक हल्की सी छुवन से हो, सिहरती चाँद की जो रौशनी में ख़ूब सजती और सँवरती गल चुके कमलों को जो फिर खाद करना जानती हो धूप के संग प्रेम में पड़ रोज़ मरना जानती हो नीलकमलों से ढकी इस ज़िन्दगी के हर सुमन पर ओस का ज़ेवर मिला है! ज्ञात है उसको कि कुछ का प्रेम ही परिचय रहा है और कुछ का इस जहाँ में प्रेम भी अभिनय रहा है पर कभी अभिनय से परिचय का नहीं है नाम मिटता पाप छू जाए चरण तो भी कहाँ है धाम मिटता इसलिए तो लग रहा है ज़िन्दगी को ज्ञान और निर्वाण का मगहर मिला है! ©AwadheshPSRathore_7773

#FlowersMakeYouBelieve
"मुझमे था यह गुमां की मुझी में है एक अदा,
देखी जो तेरी अदा तो मुझे सोचना पड़ा".....साथियों जब लाइफ में कोई अपने से बहुत बड़ा "मगहर" मिले तो उनके सामने झुक जाना अदब से पेश आना और विनम्रता से उनकी सारी बातें सुनकर उन्हें जीवन में उतारने का प्रयास अवश्य करना चाहिए।

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