–+विनती+–
–अब कभी–
कोई कंकर, पत्थर, किल, कांटा..
नहीं हटाऊंगा..
दुःख दर्द में किसी के काम नहीं आऊंगा..
जानवरों, पक्षियों को दाना, पानी, चारा..
नहीं खिलाऊंगा..
पेड़ पौधों को कभी पानी नहीं पिलाऊंगा..
ऐसे किसी भी प्रकार के दुष्कर्म..
मैं स्वयं से नहीं कराऊंगा..
दिखावे और मांगने के लिए..
तेरे दर पर टाइम टू टाइम आऊंगा..
मुझे भी कामयाब, इज्जतदार,साहूकार,..
ईमानदार, प्रतिष्ठित, अच्छा,..
नेक, भला बनाना..
दुनिया के खुदाओं में शामिल करवाना..
इन लोगों के यह सारे टोटके..
सफलता के मूलमंत्र..
मैं भी आजमांऊंगा..
कि मैं यह सारे वादे निभाऊंगा..
©Insaan RTN
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