करवाचौथ का व्रत है खास
चेहरे पर दिख रहा उत्साह- उमंग,
करवाचौथ के दिन खिलता है रंग।
सालभर करती हैं पर्व का इंतजार,
व्रत रखने खातिर रहती बेकरार।
सुहागनें पति की दीर्घायु के लिये,
अविवाहिता अच्छे साथी के लिये।
आज देंगी परीक्षा माताएँ- बहनें,
पहन सुहाग का जोड़ा और गहनें।
हाथों में मेहन्दी, आलता पैरों पर,
दुल्हन सी सजेंगी इस अवसर पर।
बिना कुछ खाये, पिये बिना जल,
व्रत करेंगी कठोर दिवस सकल।
इंतजार करेंगी चाँद निकलने का,
वही मुख्य पात्र होता इस व्रत का।
चाँद भी आज नखरा दिखायेगा,
विलम्ब से वह भी नज़र आएगा।
दिखते ही चँदा मामा पूजे जाते हैं,
जीवनसाथी भी संग पूजे जाते हैं।
लेती हैं आशीष आरती उतारकर,
महिलाएँ सर पर पल्ला डालकर।
इस व्रत का है महत्व बड़ा खास,
इसीलिये करती हैं सब उपवास।
रहे सलामत सदा सुहाग आपका,
दुआ करता शुभचिंतक आपका।
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