अहिंसा प्रमोधर्म ही नारा था
मानव कल्याण ही स्वीकारा था
सब प्राणवान है
हम जैसा सब में अपना गुण है
यदि कष्ट हमें होता है तो समस्त प्राणी को भी होता होगा
दुःख ,पीड़ा और कष्ट सभी को होता है
मानव हो या मक्खी
सबको सदैव हिंसा से बचना चाहिए
जग कल्याण के लिए अहिंसा का मार्ग अपनाना चाहिए।
कदमो की जमीं को कमल सा खिलाया था
एक भिक्षुक ने शान्ति का पाठ पढाया था
अहिंसा के रास्ते कैसे बढाते है कदम
उन्होने इसे सच करके दिखाया था
नमन ऐसे महावीर को जिन्होने झुकना सिखलाया था
कदमो की जमीं को कमल सा खिलाया था
एक भिक्षुक ने शान्ति का पाठ पढाया था
अहिंसा के रास्ते कैसे बढाते है कदम
उन्होने इसे सच करके दिखाया था
नमन ऐसे महावीर को जिन्होने झुकना सिखलाया था
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