A gift to remember कैसे कह दूँ कि उसका दिया हुआ.....
कोई तोफ़ा, कोई निशानी नहीं है मेरे पास....
ये आँशू,
ये उदासी,
ये मायूसी,
ये खामोशी,
ये दर्द,
ये रुसवाई,
ये झूठी हँसी,
ये झूठी खुशी,
ये तन्हाई,
ये अकेलापन,
ये पल पल का मरण,
ओर
ये हर पल की घुटन,...
ये सब उसी ने तो दिया है मुझे...
ओर यकींन मानिये....
इन सबको बेशकीमती कहना गलत होगा....
क्यूकी...
ये सब तो बेहद ही अनमोल तोफ़े हैं.....
बेहद ही अनमोल......
May, 11, 2021
©Astha Raj Dhiren
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