इश्क़ घुला और जात ख़तम चांद खिला और रात ख़तम नये दौर की प्रेम कथा जिस्म मिला ज़ज्बात ख़तम रिश्ता विशता तुम जानो तुम मेरे हो बात ख़तम... ©Matangi Upadhyay( च.
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