यूं कमल सा खिला रहे आनन, कहीं मुस्कुराहट फिकी ना पड़े। यूं हस कर जिया करो , ये दिन सैकड़ों बार आये।। ये मिलनसार सा स्वभाव, कभी उदासी ना रहे। ये मलमल सा कलेव.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here