तेरी यादों की खुशबू थी जिसमें वो मिट्टी वहीं छोड़ आए हम बस कुछ फूल तोड़ लाए हम बाकि खुद को भी वहीं छोड़ आए हम ©साहेब शायरी लव रोमांटिक 'दर्द भरी शायरी'.
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