- दोहा - 1- शामत आई आजकल, नयनों की ही खूब। कोई इन्हें लड़ा रहा, कोई जाता डूब।। 2- दोहों में जारी अभी, ऐसा है कुछ दौर। नयनों के अतिरिक्त अब, कथ्य न भाता और।। -हरि.
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