छक्के पंजे के चक्कर में, कौड़ियों के भाव बिक न जाना कहीं, बेहतर है कीमत अपनी भारी रखो। हल्के में समझौता नहीं करना, संघर्ष अपना जारी रखो। सुनी-सुनाई बातों पर वि.
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