लगता नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार में किसकी बनी है आलमे- नापायदार में बुलबुल को बाग़मा से न सैयाद से गिला किस्मत में कैद लिखी थी, फसले बहार में इन हसरतों से.
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