आंखें ही बयान करती हैं हाल-ए-दिल को दिल की ख़वाइशें लफ़्ज़ों की मोहताज नहीं दिल की आवाज़ रूह से सुनी जाती है मिलने की तलब हो यार को, पलकों का चिलमन उठ कर झु.
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