तितली के रंग बिरंगे पर फूलों पर मडराती बेखबर उसकी बेफिक्री, उसकी मस्ती जीवन को पड़ती अक्सर सस्ती कोई पक्षी कर देता उसका भक्षण जिंदगी भी हैं उसकी पूरा रण ©K.
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