प्रभु! तुमसे दूर यहाँ,,,, सुकून के दिन नहीं देखे कभी खुशी की रात नहीं आई तुम्हारे बिन ये दुनिया मुझे बिल्कुल भी रास नहीं आई, मैंने सुनना चाहा तुझको.
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