रोज़ाना उसका हमारे खयालों में आना-जाना है, इक राज़ दबा है सीने जो सिर्फ उसको बताना है......... बस एक दफ़ा उसने रखा था कदम मयखाने में, उस रोज़ से आज तक भी नशे में पू.
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