उसी देवी का ही रूप है नारी, जो घर-घर पूजी जाती है। छप्पन भोग चढाते मंदिर में, बूढ़ी माँ भूखी रह जाती है। पूजा पाठ में अक्सर अपने, कंजक रूप में पूजी जाती है। ज.
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