अपनी तन्हाई का क्या हिसाब दूं, काटी थी न जाने कितनी रातें.... यादों में तेरी, कभी फुर्सत में मिलोगे तो जरूर बताएंगे, हाल ए दिल तुम्हे तब सुनाएंगे। ©Heer #हिसाब.
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