ए वक्त जरा संभल जाने तो दे, बस डगमगाते संभल ही रही हूं, ज़रा सांस लेने तो लेने ही दे , ए वक्त ज़रा संभल जाने तो दे। उलझनों को एक ओर से सुलझा तो रही हूं, जरा सम.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here