ख्वाइशों में क्यू उड़ने सी लगी हु आकर उसके आगोश में क्यू खोने से लगी हु क्यू छाई है मदहोशी सी अरमानों में क्यू गुम सी हो रही हु मै खुद ही खुद में क्या है असर.
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