मन में दुविधा, मन में युद्ध है, मन खुद के ही विरुद्ध है, ये मन की कैसी रीत ? सारा कुरूक्षेत्र सामने पड़ा, जीत सके तो जीत, यहां तू ही कृष्ण, तू ही पार्थ है तुझे.
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