भले ही शराब शायरों में अपनी शोहरत बनाती रहें, हम चाय पीने वाले तो चाहें चाह रोज़ चहकती रहें। ©अदनासा- मित्र कवयित्री सुदीप्ता दीप्त जी एवं मेरे सभी चाय प्रेम.
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