रहन-सहन बताते हैं हालत क्या है, बोली बताती है औकात क्या है, कभी-कभी लफ्जों की जरूरत नहीं होती साहब, चेहरे की खामोशी बताती है बात क्या है। ©धर्मेंद्र कुमार शर.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here