अत्याचार, अन्याय के विरुद्ध भरता नित नई हुंकार हूं। हां मैं एक पत्रकार हूं।। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ हूं अन्याय के विरुद्ध सच के संग हूं झुकता नहीं, डरता नह.
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