Night Thoughts
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White ਵਾਹ ਓਹ ਰੱਬਾ ਤੇਰੇ " ਇਨਸਾਨਾਂ ਦੀ ਇਨਸਾਨੀਅਤ " ਜਿਉਂਦੇ ਜੀਅ ਕੋਈ ਬਾਤ ਨ ਪੁੱਛੇ, ਮੋਏ ਨੂੰ ਰਾਹ 'ਚ ਰੁੱਕ - ਰੁੱਕ ਮੱਥਾ ਟੇਕਦੇ ਨੇ... ©Ravneet kaur

#nightthoughts #Truth_of_Life #Punjabi #Quotes #Quote  White ਵਾਹ ਓਹ ਰੱਬਾ 
ਤੇਰੇ " ਇਨਸਾਨਾਂ ਦੀ ਇਨਸਾਨੀਅਤ "
ਜਿਉਂਦੇ ਜੀਅ ਕੋਈ ਬਾਤ ਨ ਪੁੱਛੇ, 
ਮੋਏ ਨੂੰ ਰਾਹ 'ਚ ਰੁੱਕ - ਰੁੱਕ
  ਮੱਥਾ ਟੇਕਦੇ ਨੇ...

©Ravneet kaur

White हे असे फुलु दे शब्दांचा या रौद्र अर्थ , कळूदे त्या शांत मनाला , शांत मनातील सार क्रांतीचा , कळूदे त्या धूर्तपणाला कर्मकांडचे धडे जाणतो , तरी कुकर्म तुझ्या तयाला , माणुसकीचा घात करतो नि् तरी लावतो सारंग मनाला ? लय सुरांचा शब्द अर्थांचा , कळूदे त्या सुप्त कणांना , भाव प्रितीचे अश्रू कीर्तीचे , कळूदे त्या हीन जनांना वेडे असो वा् वाकडे , जीव लाव त्या रत्न वणांना , डोक्यामधले ज्ञान वाट अन् फुलु दे त्या अन्य फुलांना... - हृतिक चौधरी ©Hritik Choudhari

#nightthoughts  White                       हे असे फुलु दे 

शब्दांचा या रौद्र अर्थ , कळूदे त्या शांत मनाला ,
शांत मनातील सार क्रांतीचा , कळूदे त्या धूर्तपणाला

कर्मकांडचे धडे जाणतो , तरी कुकर्म तुझ्या तयाला ,
माणुसकीचा घात करतो नि् तरी लावतो सारंग मनाला ?

लय सुरांचा शब्द अर्थांचा , कळूदे त्या सुप्त कणांना ,
भाव प्रितीचे अश्रू कीर्तीचे , कळूदे त्या हीन जनांना

वेडे असो वा् वाकडे , जीव लाव त्या रत्न वणांना ,
डोक्यामधले ज्ञान वाट अन् फुलु दे त्या अन्य फुलांना...
                                                   - हृतिक चौधरी

©Hritik Choudhari
#विचार #nightthoughts  White कोई खत्म हुआ..
               


                                         किसी की पूर्णता हेतू..

©प्रीति

White तेरे लिए तमाशेगीर बन जाता हूँ जब तूम सोती हो उसके बाद तो सोता हूँ पता नहीं मुझे ब्लॉक कर कोनसे गुल खिलाती हो जा निकल कबूतरी अब मैं तेरे लिए ना रोता हूँ ©Sangam Pipe Line Wala

#शायरी #nightthoughts  White तेरे लिए तमाशेगीर बन जाता हूँ
जब तूम सोती हो उसके बाद तो सोता हूँ
पता नहीं मुझे ब्लॉक कर कोनसे गुल खिलाती हो
जा निकल कबूतरी अब मैं तेरे लिए ना रोता हूँ

©Sangam Pipe Line Wala

#nightthoughts गम भरी शायरी शायरी लव शायरी दर्द शायरी 'दर्द भरी शायरी'

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#RapefreeIndiA #nightthoughts  White 
मोमीता देबनाथ : एक ओर बेटी 
            
                    


सिसकती रहीं और बेबस रहीं 
वो हैवानियत से भी ज्यादा कुछ 
और ज़िस्म से भी ज्यादा कुछ 
अपनी रूह पर सहती रहीं 
माँ दुर्गा के इस शहर में 
बेटी आज मारी गयी और 
ज़िस्म से नौची गयी 

वो आसूँओ की गूंज कहीं 
दीवारो से टकराती रहीं
बहती सिसकियां और लहू आँखो से 
ज़मीन भी मातम मनाती रहीं 
माँ दुर्गा के इस शहर में 
बेटी आज तड़पती रही और 
ज़िस्म से नौची गयी 

दर्द की पराकाष्ठा से भी कुछ परे है तो  (चरमसीमा)
उस बेटी ने सही होगी 
उन दरिन्दों की क्रूरता की पराकाष्ठा से 
हवा भी सहमी होगी 
कितनी डरी और लाचार होगी वो तब 
जब वहशीपन की इन्तिहा हुई होगी 

क्या गुनाह था उसका , इन से पूछो तो सही 
परवाज़ के लिए तैयार थी वो  (उड़ान) 
एक ख़्वाब था उसका 
और वो गरूर था माँ- बाप का 
कितनी बिजली गिराई होगी 
कितनी पीड़ा से वो निकली होगी 

इन दरिन्दों को सिर्फ हवस दिखी ,
न उसमें बहन दिखी,  न उसमें माँ दिखी 
न गर्वित करने वाली समाज की वो औरत दिखी 
न दिखी उसमें एक उम्मीद 
न दिखी उसमें एक ज़िन्दगी 
न दिखी घर से निकलते वक्त चोखट पर खड़ी वो औरत 
न दिखी जन्म देने वाली और दुवा पढ़ने वाली वो औरत 
न दिखी खुद की वो छोटी नन्ही सी परी बिटिया 
दिख जाती तो शायद 
आज 'मोमीता' जी पाती , जिन्दा होती

©Anurag Mankhand

White ghhbhmijy ygnynujjj ©sûmìt upãdhyåy(løvë flūtê)

#मोटिवेशनल #nightthoughts  White ghhbhmijy ygnynujjj

©sûmìt upãdhyåy(løvë flūtê)
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