हे ज्ञान दायिनी ! विद्यादायिनी! हे शारद ! मातु भवानी! इतना मुझको वर दे माता,सदा देश हित बात करूँ। जब भी चले लेखनी मेरी, कभी ना पक्षपात करूँ।। सुगम,सरल और सबल रह.
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