मुझे मत बताओ समंदर क्या है तुम्हें क्या पता मेरे अंदर क्या है चाहूँ तो रंग आसमाँ का बदल दूँ यार ये ज़िंदगी का मंज़र क्या है ©Shubham Singh शायरी.
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