जब कभी मैं, आऊँ तुम्हारे पास, अपने कंधे से दूसरे बोझ हटा देना l देना अपने कंधे का सहारा, मेरा सुकून में आशियाना बना देना, कुछ पूछना नहीं, ना कुछ बताना.
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