वे जब खेतों में फ़सलों को रोपती-काटती हुई गाती हैं गीत भूल जाती हैं ज़िंदगी के दर्द ऐसा कहा गया है किसने कहे हैं उनके परिचय में इतने बड़े-बड़े झूठ? किसने?.
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