कारवाँ-ए-सफर की बस तू रहगुज़र बन जाए! यूं ही कट जाए उमर गर तू हमसफ़र बन जाए!! ना बिछड़ेंगे कभी मिलकर ये वादा है "आलम"! बस तमन्ना है मेरी कि तू ही रहबर बन जाए!!.
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