ना ज्यादा ना कम,जैसे आपकी सोच वैसे हम। और एक बात,मत पूछ मेरे नाम की पहचान कहा तक है , तु बदनाम कर तेरी औकात जहां तक है। ©Sajid Hussain ज़िंदगी.
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