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अब खयालो का सम्मा ना फिर से जलाओं रात को रात रहनें दो कुछ पल के लिए, बहुत रौशन हुआ था तुम्हारे उम्मीदों से मन कट रही हैं पतंग अब ना दिशा दिखाओं, समेट लूंगी मैं ये अश्कों की बहती धारा मैंनें देखा हैं माँ को रिश्तों की बुनती माला, मेरी इस कहानी का कोई खुलासा नही ना रांझा ना हीर कोई दिलासा नही, वफा के रास्ते का होता कोई वजूद नही एक मन हैं रब के सिवा कोई सबूत नही। माधवी मधु ©madhavi madhu

#शायरी #shayari_dil_se #gajal  अब खयालो का सम्मा ना फिर से जलाओं
रात को रात रहनें दो कुछ पल के लिए,

बहुत रौशन हुआ था तुम्हारे उम्मीदों से मन
कट रही हैं पतंग अब  ना दिशा दिखाओं,

समेट लूंगी मैं ये अश्कों की बहती धारा
मैंनें देखा हैं माँ को रिश्तों की बुनती माला,

मेरी इस कहानी का कोई खुलासा नही
ना रांझा ना हीर कोई दिलासा नही,

वफा के रास्ते का होता कोई वजूद नही
एक  मन हैं रब के सिवा कोई सबूत नही।
                                         माधवी मधु

©madhavi madhu

#shayari#gajal#poetry#shayari_dil_se

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#विचार  बनाते-बनाते बिगड़ गई है।

मुझे उसकी याद आई।
मानते मानते ।
बिछड़ गई है वो ।

©Anas Rahmat Ali

बनाते-बनाते बिगड़ गई है। मुझे उसकी याद आई। मानते मानते । बिछड़ गई है वो । ©Anas Rahmat Ali

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#विचार  सुश्री से श्रीमती हो गई हूं।
तब से ज़िंदगी जन्नत से जन्ननुम हो गई हैं।

©Riya Tak

सुश्री से श्रीमती हो गई हूं। तब से ज़िंदगी जन्नत से जन्ननुम हो गई हैं। ©Riya Tak

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#SAD  गिरना सिखा था बचपन में, 
अब तो नजरों से गिर रहा हूँ। 
अपने इश्क़ की राहो पर, 
खुद मुसाफिरों सा फिर रहा हु।
वफ़ा को छोड़कर इश्क़ में, 
गुनाह मैंने तमाम किया। 
खुद बेईमान बन चुका था , 
और इश्क़ को बदनाम किया। 
जखम ताजे होते तो भर जाते, 
घाव अब सड़ चुके है।
तुम कितना भी संभालो
दिल पत्थर हो गया 
जज्बात मर चुके है।
हालात मे सुधार हो सकता था
पर अब बिगड़ चुके है। 
हम वो बचे हि नही जो पहले थे, 
पहले तुमपे मरते थे अब पूरे मर चुके है।

©Vijay Sonwane

baat itni bigad gayi ki........

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 कसूर तो था ही इन निगाहों का.
जो चुपके से दीदार कर बैठा.
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी.
पर बेवफा ये ज़ुबान इज़हार कर बैठा

©Saddam Tiger

कसूर तो था ही इन निगाहों का. जो चुपके से दीदार कर बैठा. हमने तो खामोश रहने की ठानी थी. पर बेवफा ये ज़ुबान इज़हार कर बैठा ©Saddam Tiger

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#कविता #विषाद  बिगड़ी बात फिर बन जायेगी
हौसलों से कहो मायूस न हो
रात विषाद की ढल जायेगी

©anamika
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