दवा दी जा रही है आवाजे आज
रोक दिया जा रहा हर कदम वो जो उठा उनका खिलाफ
दिक्कते बहुत थी जमाने की
आवाजे उठ रही थी हर तरफ और पूछ रही थी क्या यही वजहा थी यहां आने की
जल रहा था औरत का सम्मान
और भूकमरि और बेरोजगारी से मर रहा था इंसान
घबरा रहा था सत्ताधारी उन उठती हुई आवाजों के शोरो से
उन उठती उंगलियों के इशारो के जोरो से
सोच यही उन्होने भी बही किस्सा दोहराया है
वाट लोगो को हिन्दू और मुस्लिम मे फिर उसी आग को भड़काया है
पक्ष बिपक्ष सब सत्ता के भूके है ...
बैठ महलो मे मार रहे लोगो को है
जानो समझो इन महलो की राजनीती को
इनकी सत्ता के लिया कुछ भी कर गुजरने की चाहत को
अरे वो बैठ देख रहा तमाशा है
और जल कर मर रहा किसी का भाई , बेटा ,पति, और किसी के घर की आखरी आशा है
अरे रोती होगी आत्मा उनकी जिन्होने न मांगी माफ़ी और ना फांसी के तकते पर कोई उनकी आँखों मे मौत का खौफ देख पाया था
अरे ले सपना एक आजाद और बेखौफ हिन्द का वो शहीद भगत सिंह कहलाया था
ये कैसा क़र्ज़ तुमने उनके लहू का चुकाया है
जो एक होकर लड़े उस अंग्रेज़ी सत्ता के खिलाफ आज उन्हे ही आपस मे लड़वाया है
अब शायद वो भी कहते होंगे की वो देश नहीं है मेरा ये किसे नै कोई भ्रम फैलाया है
अरे मेरा भारत वो है जिसकी मिट्टी ने अब्दुल कलम , B.R.Ambedkar और भगत सिंह जैसे सपूतो को उपजाया है
नहीं नहीं है भारत यह मेरा भारत नहीं यहां तो हर कोई सत्ता का भूका है ...
कहना है इनका मरते है तो मरने दो ,जलते है तो जलने दो मूंद (बंद) लो आंखे अपनी झूट सही लेकिन सोचो सब अच्छा है अरे मरता आ रहा है मरेगा ही यही इनकी किस्मत का है ...
फर्क नहीं किसी को क्यों नहीं रोजगार और क्यों मरता आम इंसान है
अरे ये मेरा भारत नहीं मेरा भारत तो सबसे महान है
मेरा भारत तो सबसे महान है
मेरा भारत तो सबसे महान है ..........
written by
Gaurav Rajput (veda)...
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here