अंबर के तारे उंगलियों में चमकते अगर वो चाहता तो हीरे आंखो से न बरसते। मजबूरियां आख़िर किसकी नहीं होती? किसने कहा कि दिहाड़ी कमाने वालों की बीवियाँ नहीं हस्ती!?.
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