आजाद परिंदों की तरह, हर पल मेरी यादों मेें रहती हो तुम ना जाने क्या क्या अल्फाज मुझसे इशारों में कहती हो तुम, मैं सीने से लगाना चाहता हूं तुम्हें ऐ अजनबी, जिस प.
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