तुम्हारी ही मुहब्बत है कि ज़िंदा हूं मैं मर कर भी, ये कोई "गुलाब" नहीं, मेरी सांसें हैं, जो तुमने सम्हाल रखी है डायरी में ©Dipti Joshi तुम्हारी ही मुहब्बत.
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