Bachpan ke sapne
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बचपन के सपने भटक जाता हूँ अक्सर खुद हीं खुद में, खोजने वो बचपन जो कहीं खो गया है। ©Kartik Ahlawat

#BachpanKeSapne  बचपन के सपने भटक जाता हूँ अक्सर खुद हीं खुद में, खोजने वो बचपन जो कहीं खो गया है।

©Kartik Ahlawat

बचपन के सपने अक्सर बचपन मे देखे गये सपने , बड़े होने पर कुछ को हम खुद बदल देते है, कुछ को हमारे हालात। ©Rudra Pratap Singh

#BachpanKeSapne  बचपन के सपने अक्सर बचपन मे देखे गये सपने , 
बड़े होने पर कुछ को हम खुद बदल देते है, 
कुछ को हमारे हालात।

©Rudra Pratap Singh

हालात #BachpanKeSapne

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बचपन के सपने कमाल है वो‌ बचपन में खुली छत पर इतने सारे कजिंस के साथ सोते थे पर फोटो लेना याद नहीं रहा और न नानी की पानी पुरी की फोटो ली ना गोला और आम चूसने की रिकॉर्डिंग की बिना AC की ट्रेन में जो आलू पूरी खा जाते थे उनकी भी तस्वीर कहाँ ली हमने पर हॉ लेकिन एक-एक पल की पूरी डिटेल याद है शायद उस वक्त तस्वीर दिल पर बनती थी कैमरों में नहीं ©Ram G Kashyap

#BachpanKeSapne  बचपन के सपने  कमाल है
वो‌ बचपन में खुली छत पर इतने सारे कजिंस  के साथ सोते थे पर फोटो लेना याद नहीं रहा और
न  नानी की पानी पुरी की फोटो ली
 ना गोला और आम चूसने की रिकॉर्डिंग की
 बिना AC  की ट्रेन में जो आलू पूरी खा जाते थे 
उनकी भी  तस्वीर कहाँ ली हमने पर हॉ लेकिन  एक-एक पल की  पूरी डिटेल याद है 
 शायद 
उस वक्त तस्वीर दिल पर बनती थी कैमरों में नहीं

©Ram G Kashyap

R R.k #BachpanKeSapne Pooja Ji Neha Tiwari SHANU KI सरगम Sejal Gupta Riya Soni Sanawrites_______ komal maheshwari Anwesha Rath Shayar Abhiraaj Kashyap Dr. Sonia shastri

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बचपन के सपने उड़ने की चाह बड़े होने की चाहत ©Prachi dwivedi A real dice🎤🎤

#thedaribadairies #BachpanKeSapne #Quotes  बचपन के सपने उड़ने की चाह 
बड़े होने की चाहत

©Prachi dwivedi A real dice🎤🎤

बचपन के सपने पुराना इश्क़ को पुरसत से याद करते हे .... कुछ अधूरे ख्वाब और अधूरेपन में खुद को सबरते हे... नादाँ थे हम गलतिया तब ही तो करते थे... वो वक्त जन्नत था उम्र के साथ चलते हुए फिर सपनो की जमीं पर उतरते हे ..... ©G0V!ND DHAkAD

#BachpanKeSapne  बचपन के सपने पुराना इश्क़ को पुरसत से याद करते हे .... 
 कुछ अधूरे ख्वाब और अधूरेपन में खुद को सबरते हे...

नादाँ थे हम गलतिया तब ही तो करते थे... 
वो वक्त जन्नत था 
उम्र के साथ चलते हुए 
फिर सपनो की जमीं पर उतरते हे .....

©G0V!ND DHAkAD

बचपन के सपने जितनी खामोशी से उठ रहीं हूं उतने रिश्ते खो रही हूं

#BachpanKeSapne  बचपन के सपने  जितनी खामोशी से उठ रहीं हूं
उतने रिश्ते खो रही हूं
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