सुन जरा ए-मुहब्बत मेरी, कर रहा ये दिल इबादत तेरी…! रब से यही दुआ है मेरी, कभी न हो कम मुस्कान तेरी..! चला जाऊं दूर कितना ही तुझसे, लेकिन तेरी कुर्बत में ही निकल.
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