मज़ेदार क़िस्सों से इस मीम को पूरा करें #CatMeme
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#Dil__ki__Aawaz #Motivational #dilkibaat #Trading #foryou #Like  jab main bolti hu dil se to sunliay karo jo long dil se bolta hain wo jhuti nahi bolta thank you Universe mujhe itna achchha insan banaya jo me dil se sacha hu please Universe saport me kahi is bir me mere sachi gum na ho jaya   
          Thankyou Universe 💞💖
                 I love you Universe 💙🥹

©Namita

Thank you Universe 💙🥹💞#Nojoto #Dil #Dil__ki__Aawaz #dilkibaat #Trading #for #me #Like #foryou #so

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#ज़िन्दगी  इज्जत देना सीखो लेना नही इज्जत दोगे तो आपको भी इज्जत देने वाले खुद ब खुद मिल जायेंगे बाकी आपकी मर्जी

©Usha Sawarkar

इज्जत देना सीखो लेना नही इज्जत दोगे तो आपको भी इज्जत देने वाले खुद ब खुद मिल जायेंगे बाकी आपकी मर्जी ©Usha Sawarkar

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#Quotes  पहले के जमाने मे लोग सफल हुआ करते थे. और आजकल लोग वायरल हुआ करते है.

©Riya

पहले के जमाने मे लोग सफल हुआ करते थे. और आजकल लोग वायरल हुआ करते है. ©Riya

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#कविता  सहज स्वभाव यही है मेरा , धारा के प्रतिकूल चलूँ मैं ,
धारा के सँग मुर्दों जैसा , बहना मुझे पसन्द नहीं है    

जीवन जले दीप सा हरदम ,खुद चमके समाज चमकाए ,
जागे प्रसुप्त समाज-चेतना, मन का अंधकार भाग जाए ,
यही प्रयास अनवरत करता , दीपक बनकर सदा जलूँ मैं ,
भूसी जैसा सुलग-सुलग कर , दहना मुझे पसन्द नहीं है ---धारा का सँग ,,,,
धैर्यवान -दीर्घायु महीधर , ओले घन-गर्जन सह जाते ,
तूफानों के प्रबल थपेड़े , भी न उन्हें विचलित कर पाते ,
ढहते वृक्ष मलय झोंके से , उनकी कलई क्या खोलूँ मैं ,
वृक्षों जैसा बुजदिल बनकर , ढहना मुझे पसन्द नहीं है ---धारा के सँग ---
ढोंगों-पाखंडों में जीना , अंधी श्रद्धा ढोते रहना ,
भाग्य और भगवान सहारे , माथ ठोंककर रोते रहना ,
सड़ी रूढ़ियाँ -परम्पराएँ, क्यों न तर्क से अब तोलूँ मैं ,
अंधों जैसा पिछलग्गू बन, रहना मुझे पसन्द नहीं है ---धारा के सँग ---
स्वाभिमान- सम्मान सँजोकर , ज़िंदादिल मरकर भी जीते ,
मुर्दादिल शोषण कर्ता का , नित उठकर चरणोदक पीते ,
मरा हुआ सा जीवित रहकर , मुर्दादिल सा क्यों डोलूँ मैं ,
जीवित लाशों जैसा शोषण , सहना मुझे पसन्द नहीं है ---धारा के सँग ---
सच्चाई पर चलना दुर्लभ , सुनना तक दुश्वार लग रहा ,
सत्य कथन विष-घूँट बन गया ,जग को मिथ्याचार ठग रहा ,
चमचों जैसा ढुलमुल  बन , हाँ में हाँ कैसे बोलूँ मैं ,
आम नीम को ,नीम आम को , कहना मुझे पसन्द नहीं है ,
धारा के सँग मुर्दों जैसा , बहाना मुझे पसन्द नहीं है।

©Aadesh Kumar

सहज स्वभाव यही है मेरा , धारा के प्रतिकूल चलूँ मैं , धारा के सँग मुर्दों जैसा , बहना मुझे पसन्द नहीं है जीवन जले दीप सा हरदम ,खुद चमके समाज चमकाए , जागे प्रसुप्त समाज-चेतना, मन का अंधकार भाग जाए , यही प्रयास अनवरत करता , दीपक बनकर सदा जलूँ मैं , भूसी जैसा सुलग-सुलग कर , दहना मुझे पसन्द नहीं है ---धारा का सँग ,,,, धैर्यवान -दीर्घायु महीधर , ओले घन-गर्जन सह जाते , तूफानों के प्रबल थपेड़े , भी न उन्हें विचलित कर पाते , ढहते वृक्ष मलय झोंके से , उनकी कलई क्या खोलूँ मैं , वृक्षों जैसा बुजदिल बनकर , ढहना मुझे पसन्द नहीं है ---धारा के सँग --- ढोंगों-पाखंडों में जीना , अंधी श्रद्धा ढोते रहना , भाग्य और भगवान सहारे , माथ ठोंककर रोते रहना , सड़ी रूढ़ियाँ -परम्पराएँ, क्यों न तर्क से अब तोलूँ मैं , अंधों जैसा पिछलग्गू बन, रहना मुझे पसन्द नहीं है ---धारा के सँग --- स्वाभिमान- सम्मान सँजोकर , ज़िंदादिल मरकर भी जीते , मुर्दादिल शोषण कर्ता का , नित उठकर चरणोदक पीते , मरा हुआ सा जीवित रहकर , मुर्दादिल सा क्यों डोलूँ मैं , जीवित लाशों जैसा शोषण , सहना मुझे पसन्द नहीं है ---धारा के सँग --- सच्चाई पर चलना दुर्लभ , सुनना तक दुश्वार लग रहा , सत्य कथन विष-घूँट बन गया ,जग को मिथ्याचार ठग रहा , चमचों जैसा ढुलमुल बन , हाँ में हाँ कैसे बोलूँ मैं , आम नीम को ,नीम आम को , कहना मुझे पसन्द नहीं है , धारा के सँग मुर्दों जैसा , बहाना मुझे पसन्द नहीं है। ©Aadesh Kumar

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#newyear   Phone Charge pr rkhaa or 
switch on krnaa yaad nii rhaa

©Kajal

#newyear

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#शायरी  aaj uski bahut yad arahi h jinse mile zamana ho gaya

©irsad ahmad

याद

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