चाय की चुस्की, भुला नहीं सकती उन लम्हों को, जो बीते इंतजार में तेरे, न इस कलम की स्याही समेट सकती, जज्बाती के सैलाब को मेरे जीवन के इन खाली पन्नो पर।.
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