मै फक्कड़,फकीर,मलंग मस्ताना, मेरी देह,मेरे रोम-रोम मे रमी है जो, वो ईश्क भभुती हो तुम¡! बयां नही कर सकता जिसे मै, मेरी वो सुखद अनुभूति हो तुम¡! ©{¶पारसमणी¶} ♥.
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