शक्ति पर संयम की जय,
निरंकुश पर नियम की जय,
साधनों पर साधना की जय,
क्रोध पर भावना की जय,
अवरोध पर प्रतिरोध की जय,
मानवता के प्रतिशोध की जय,
अन्याय पर न्याय की जय,
प्रयत्न के अध्याय की जय,
आसक्ति पर अनुराग की जय,
जनकसुता के त्याग की जय,
अहित पर हित की जय,
अनुचित पर उचित की जय,
वंचक पर वंचित की जय,
दशानन पर एकशीश की जय,
बद्दुआओं पर आशीष की जय,
अनेक पर एक की जय,
बुद्धि पर विवेक की जय,
अंधकार पर प्रकाश की जय,
अहंकार पर विश्वास की जय,
विकार पर संस्कार की जय,
संकीर्ण पर विस्तार की जय,
नियंत्रण पर अधिकार की जय,
जानकी के इंतजार की जय,
मर्यादा के अधिनाम की जय,
सत्यता के संग्राम की जय,
विराम पर आयाम की जय,
रावण पर राम की जय...!
©Vivek Vistar
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