उफ़नती बाढ़ की तरह मकानों को बहा ले जाएगी! सारे मुर्दों को इक लहर आ कर बहा ले जाएगी! उस के मंसूबे अधूरे ही रहेंगे, हमारी अंतिम सांस तक; हम तो अभी ज़िंदा हैं.
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