हम दोनो ने इश्क इस कदर किया था की सब कुछ पीछे
छुट गया हम अलग भी हुए लेकिन गले लगा
लिया था उसने मुझे पलट कर,,,
हमारा रिश्ता कई बार टूटकर गिरने वाला था मगर पकड़
लिया उसी ने लपक कर,,।
मे झटपटाता हूँ खुद मे की उसे बेवफा कहूँ के मतलबी
सबसे ज्यादा जरूरत थी ऐसे वक्त में गया था पलट कर,,,
आज रोना चाहते है दोनो अपने अपने हाल पर आज
दूरियाँ है दिलों मे रोये भी तो किससे लिपट कर,,,।।
मे उसके आगे पीछे घुमा करता था बच्चों की तरह सपनो
की गाड़ी समझ कर फिर एक रोज चली गई
मुझे कुचल कर,,
उसके जाने के बाद रोया हूँ उसको पाने की चाह में
उसकी तस्वीर के साथ जैसे कोई मेले में खिलौने को
देखकर बच्चा रोता है अपनी माँ से लिपट कर,,,।।।
©Omidada Nagor
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here