री माँ एक बात कहनी थी,इब कुछ ना धरया घरा रहने म्ह ललकार लावे जद दुश्मन बोडर पह ,तोह कुछ ना बाकी रहता सहने म्ह कसुता चाह चड रया मेरह ब ,तू धर दे पिस्से गहने म्.
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