अच्छा हूं या बुरा हूं खूबसूरत या बेसुरा हूं किसी की खातिर मै क्या हूं फर्क कोई न पड़ता है जब से जीना सीखा है मै को आत्मसम्मान दिया है मै को ही संवारा है तपा तप.
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